फिल्म रिव्यू – पुष्पा-2 | अंकुर यादव
इस बार पुष्पा राइज नहीं कर रहा बल्कि रूल कर रहा है। नाम सुनकर जिस फायर को उसके विरोधी फ्लॉवर समझ लेते थे, अब वही फायर जंगल की बेकाबू आग यानी वाइल्ड फायर बन चुका है। शानदार कहानी, लाजवाब डायलॉग और थिएटर को धुआं-धुआं कर देने वाले धमाकेदार एक्शन के साथ आखिरकार सिनेमा के बड़े पर्दे पर साउथ के सुपरस्टार अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा-2 रिलीज हो चुकी है।
लेखक और निर्देशक सुकुमार ने 2021 में रिलीज पुष्पा द राइज के साथ जिस तरह अपने हीरो को स्थापित किया था, उसी अंदाज में उन्होंने पुष्पा 2-द रूल के साथ अपने हीरो की ताकत को एक नया विस्तार दिया है। कहानी चंदन तस्करी के पुराने खेल से आगे बढ़ चुकी है, अब पुष्पा एक मामूली चंदन तस्कर नहीं रहा बल्कि इस खेल का बादशाह बन चुका है। वह अब नेशनल नहीं बल्कि इंटरनेशनल स्मगलर बन चुका है। पुष्पा अब राज्य की सरकार और मुख्यमंत्री बदल देता है। सुकुमार ने अपनी कहानी में एक तरफ जहां अल्लू अर्जुन के किरदार को बड़ा बनाया है तो वहीं दूसरी तरफ पुष्पा की पत्नी श्रीवल्ली यानी कि रश्मिका मंदाना को भी सशक्त किया है। कहानी में पुष्पा और श्रीवल्ली की कपल केमिस्ट्री को बहुत प्यारे अंदाज में बुना गया है, जिससे यह एक्शन जॉनर की फिल्म होते हुए भी रोमांटिक एलीमेंट को नहीं छोड़ती। पुष्पा अपनी पत्नी के एक मामूली सपने को पूरा करने के लिए राज्य का मुख्यमंत्री बदलवा देता है, यह बात थिएटर में आई महिलाओं को बहुत पसंद आएगी।
बहरहाल कहानी का पहला हिस्सा जिस रफ्तार से आगे बढ़ता है, दूसरा हिस्सा उतनी धार नहीं जुटा पाता। इंटरवल के बाद फिल्म थोड़ा स्लो होती है लेकिन क्लाइमेक्स में हुई फाइनल फाइट एक बार फिर दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देती है। अल्लू अर्जुन और रश्मिका मंदाना के बाद जो कलाकार दर्शकों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है, उसका नाम है फहाद फाजिल यानी फिल्म के विलेन ‘भैरव सिंह शेखावत’, वही आईपीएस अधिकारी जो पुष्पा की राह का सबसे बड़ा कांटा है। मलयाली एक्टर फहाद ने एक बार फिर शानदार काम किया। कहानी से इतर फिल्म के दूसरी एलीमेंट पर बात की जाए तो वह है कमाल की सिनेमैटोग्राफी। पोलैंड के मूल निवासी कुव्रा ब्रोजैक मिरोसलॉव ने अपने कैमरे से इस फिल्म को एक नई जुबान दी है। दर्शकों को अल्लू अर्जुन के शानदार एक्शन सीन्स और उनका स्टाइल इसलिए शानदार लगता है क्योंकि इसे बहुत ही अलग अंदाज में फिल्माया गया है। पुष्पा-2 उन दर्शकों को जरूर निराश करती है जो इस फिल्म में भी ‘श्रीवल्ली’ और ‘उ अंटावा’जैसे शानदार गीतों को खोजने गए थे। पहले पार्ट के मुकाबले इस पार्ट में संगीतकार देवी प्रसाद अपने संगीत से वह कमाल नहीं दोहरा पाए, हालांकि फिल्म का एक गीत ‘अंगारों का अंबर सा’ बहुत ही शानदार है। इस गीत को और भी लाजवाब बनाती है इसकी कोरियोग्राफी, जिसे गणेश आचार्य ने एक दम नए डांस मूव्स देकर रचा है। अमेरिकी एक्टर श्रीलीला का आइटम सॉन्ग किसिक शायद ही हिंदी पट्टी के दर्शकों को पसंद आए लेकिन उनका स्टाइल और लुक कमाल का है।
फिल्म जिस बड़े कैनवास पर फिल्माई गई है वह दर्शकों को रोमांचित करता है। सैकड़ों जहाज, ट्रकों, बैलगाड़ियों, ऑटो रिक्शा से होने वाली चंदन की तस्करी हो या फिर बारिश के दृश्य के दौरान सैकड़ो छाते लिए लोगों का हुजूम हो, ऐसे दृश्य साबित करते हैं कि निर्माता अल्लू अरविंद की टीम ने इसके निर्माण पर 500 करोड़ रुपए पानी की तरह बहाए हैं।
हालांकि फिल्म जितने बड़े बजट की है, इसकी कमाई भी उतनी ही बड़ी होने वाली है। एडवांस बुकिंग के मामले में ही यह फिल्म कई रिकॉर्ड ध्वस्त कर चुकी है। 5 भाषाओं में रिलीज हुई पुष्पा-2 को पहले दिन ही 100 करोड रुपए की ओपनिंग मिल सकती है क्योंकि एडवांस में ही इसके 30 लाख से ज्यादा टिकट बिक चुके थे। बहरहाल अभी तो कहानी शुरू हुई है, अभी पूरा सप्ताह पड़ा है जो इस फिल्म को सफलता के नए आसमान पर पहुंचा सकता है।
एक दर्शक के लिए यह एक पैसा बसूल शानदार मूवी है, जिसे मैं अपनी ओर से 5 में से साढ़े 4 स्टार रेट कर रहा हूं। आप भी फिल्म देखकर आएं और अपनी राय मुझे जरूर भेजें।